संकट से जूझ रही Paytm ने बनाया नया प्लान, Business Model को ऐसे मजबूत करना चाहती है कंपनी
पेटीएम (Paytm) ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने भुगतान सेवा व्यवसाय को और मजबूत करने के लिए कार्ड प्रोसेसिंग (Card Processing) और ईएमआई (EMI) भुगतान के साथ-साथ यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पर ध्यान केंद्रित करेगा.
भुगतान व वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम (Paytm) ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने भुगतान सेवा व्यवसाय को और मजबूत करने के लिए कार्ड प्रोसेसिंग (Card Processing) और ईएमआई (EMI) भुगतान के साथ-साथ यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पर ध्यान केंद्रित करेगा. उसे उम्मीद है कि इससे कंपनी के हालात में फिर से सुधार होगा और वह देश में भुगतान सेवा में अपनी अग्रणी स्थिति को बनाए रखेगी.
कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहले कुल सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 70 प्रतिशत का योगदान देने वाला यूपीआई, अब लगभग 80-85 प्रतिशत योगदान दे रहा है. कंपनी ने बिजनेस मॉडल में यूपीआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
वित्तीय वर्ष 24 की चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 24 के नतीजे जारी करने के बाद बुधवार को अर्निंग कॉल के दौरान, पेटीएम ने अपने मर्चेंट जीएमवी की रिकवरी पर भी जोर दिया. वित्तीय वर्ष 24 में, पेटीएम का जीएमवी पिछले साल के मुकाबले 39 प्रतिशत बढ़कर 18.3 लाख करोड़ रुपये हो गया. पेटीएम के राजस्व प्रवाह में यूपीआई प्रोत्साहन और रुपे क्रेडिट कार्ड लेनदेन, ओवरड्राफ्ट और ईएमआई एकत्रीकरण से उच्च भुगतान प्रसंस्करण मार्जिन शामिल हैं.
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जबकि यूपीआई मर्चेंट भुगतान मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) उत्पन्न नहीं करता है. पेटीएम को सरकार से सबवेंशन भुगतान से लाभ मिलता है. पेटीएम को वित्तीय वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 288 करोड़ रुपये की यूपीआई प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई. वित्तीय वर्ष 23 की चौथी तिमाही में कंपनी को 182 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली थी.
भुगतान सेवाओं से पेटीएम का राजस्व 26 प्रतिशत बढ़कर 6,235 करोड़ रुपये हो गया. इसके अतिरिक्त, शुद्ध भुगतान मार्जिन 50 प्रतिशत बढ़कर 2,955 करोड़ रुपये हो गया. अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा के दौरान, कंपनी ने यह भी कहा कि अप्रैल से कुछ उत्पादों को छोड़कर भुगतान जीएमवी में सकारात्मक वृद्धि की प्रवृत्ति देखी जा रही है.
पेटीएम साउंडबॉक्स अब यूपीआई पर रुपे क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी देता है. यह छोटे व्यापारियों को 2,000 रुपये से कम के लेनदेन के लिए शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) की पेशकश करता है. यह सेवा छोटे व्यवसायों को लेनदेन शुल्क बचाने, उनकी लाभप्रदता बढ़ाने और डिजिटल भुगतान अपनाने को आसान बनाती है.
पेटीएम के जीएमवी में साल-दर-साल वृद्धि देखी गई है. इसका लक्ष्य निष्क्रिय व्यापारियों को फिर से सक्रिय करना और नए व्यापारियों को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ना है. मार्च 2024 तक, मर्चेंट सब्सक्रिप्शन 1.07 करोड़ हो गया. पिछले साल के मुकाबले इसमें 39 लाख की बढ़ोतरी हुई. कंपनी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक शुद्ध वृद्धि पिछले ट्रेंड लाइन के बराबर हो जाएगी."
इनोवेटिव उत्पादों को जारी कर पेटीएम अपने व्यापारियों की जरूरतों को पूरा कर रहा है. इसमें एक बड़े वितरण और सेवा नेटवर्क का सहयोग है. इसने हाल ही में दो और 'मेड इन इंडिया' साउंडबॉक्स लॉन्च किए हैं. इसमें लाउड स्पीकर और लंबी बैटरी लाइफ के साथ व्यापारियों की जरूरतों का ध्यान रखा गया है.
कंपनी की योजना अपने डिवाइस सब्सक्रिप्शन का विस्तार करना है. प्रति डिवाइस मीट्रिक सदस्यता फिर से बढ़ने की उम्मीद है. यूजर्स जुड़ाव को बढ़ावा देने और यूपीआई, साउंडबॉक्स, पेटीएम यूपीआई लाइट वॉलेट और अन्य भुगतान उपकरणों से लोगों को अवगत कराने के लिए कंपनी एक नया विज्ञापन अभियान भी शुरू करने जा रही है. यह पेटीएम के रिकवरी फोकस को दर्शाता है.
10:46 AM IST